Thursday 12 November 2009

कल क्या होगा ... ?

कल क्या होगा
तुम न सोचो
आज के भले राहों में चलना
वादा किया हैं की मेरा सर्वेश्वर
हर दिन तेरा पालन करेंगे

दुनिया में आया तो कुछ न लाया
वापस न कुछ तुम ले जावोगे
धरती में फिर क्यों दुखी रहना
मन में हमेशा शांती रखना

ईशू का आलय

इतना प्यारा मेरा घर
इश्वर ने मुझे दान दिया
दादा दादी हैं - माता पिता हैं
और भाई बहन हैं इस घर में

मेरा दिल एक छोट्टा घर
इसमें पहले कोई न था
मार्ग सत्य और जीवन को
क्रूस में जब मैंने देखा

मेरा छोट्टा सा ये घर
ईशू का आलय होगया...

इन्द्र धनुष ....

इन्द्र धनुष के रंग सुनहरे
नीली गगन की शोभा हैं
सप्त वर्ण की रेखा से - इसे
इश्वर ने ही सजाया हैं

दूर से आती ठंडी पवन
ले आती चंदन की सुगंध
नन्हे - मुन्हे बच्चे हम भी
बन जाये दुनिया के सुगंध

जीवन के हर मोड़ में हम
याद करेंगे ईशू को
सुख और दुःख में भी मिलकर
गाये इश्वर प्यारा हैं

आप की कृपा....

आया रे आया कोई नज़रों के सामने
आंसू भरे आंखों वाला आया कुच्छ माँगने

पापों से भरा हे ज़िन्दगी
आत्मा तो प्यासा भूका हैं
दावूद के बेटे कृपा करो

मुझे नया कर दो

ओ ईसू तेरी कृपा
कितना अत्भुद हैं

तितली राणी

सुंदर सुंदर बागों में
रंग बिरंगे फूलों को
देखकर क्यों तुम आतिहो
प्यारी तितली राणी बोल


फूलों के अन्दर तुम
छुप छुप कर क्यों आती हो?
मधु पीने को आती हो - या
बातें करने आती हो?

प्यारी न्यारी तितली राणी
मेरे संग चलो तुम भी
ओ. वि. बी एस. में झूमें नाचें
ईसू के कीर्तन गायें

ईसू मेरा जीवन

ये संसार एक सागर है
इस सागर में ढूब गया
जब ईसू को देखा तो
मेरा जीवन बदल गया

जब में उस से दूर रहा
वो मुझे ढूँढ के आया था
शांती का मंत्र लाया था

मेरे पाप के बदले उसने
अपना जीवन छोड़ दिया
ऐसे मुझे उसने प्यार किया

Sunday 8 November 2009

ഒരു നിമിഷം....

പ്രകൃതിയില്‍ സകല വിഭവങ്ങളും ആവശ്യമാം വണ്ണം ക്രമികരിച്ചു തന്നെയാണ് സൃഷ്ടിക്കപ്പെട്ടിട്ടുള്ളത്‌. അതില്‍ യാതൊരു സംശയവുമില്ല. പക്ഷെ അതിനെ വേണ്ടുംവിധം ഉപയോഗിക്കാതിരുന്നതാണ് മഹാവിപത്തുക്കളെ നേരിടാന്‍ ലോകത്തിനു സംഗതിയാക്കിയത്. ഈ വസ്തുത വിഭവങ്ങള്‍ക്ക് മാത്രമല്ല, ധനവിക്രയങ്ങള്‍ക്കും കുടി പൊതുവായി ചിന്തനീയമാക്കാവുന്നതാണ്. എല്ലാം ആവശ്യത്തിനാണ് ക്രമീകരിച്ചിട്ടുള്ളത്. എന്നാല്‍ ആവശ്യത്തിനെ അനാവശ്യമായി ഉപഭോഗത്തിന് പാത്രമാക്കിയപ്പോള്‍ ക്ഷാമവും മറ്റ് അരക്ഷിതാവസ്തകളും ഉടലെടുത്തു എന്ന് വേണം കരുതാന്‍.